Wednesday, 21 December 2022

CTET Admit Card 2023

 CTET Admit Card 2023 : बोर्ड करीब एक सप्ताह पहले परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र रिलीज कर देगा। अब ऐसे में उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर नजर बनाएं रखें। इसके बाद जैसे ही हॉल टिकट रिलीज होंगे। अभ्यर्थी अपने जरूरी डिटेल्स एंटर करके प्रवेश पत्र को डाउनलोड कर पाएंगे। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के बाद उसमे दिए गए दिशा-निर्देशों को ध्यान से पढ़ लें और उसके अनुसार ही परीक्षा केंद्र पर पहुंचे। 

CTET 2022 Examination

The CTET test will be administered in two shifts through CBT: Shift 1 is slated from 9:30 a.m. to 12:00 p.m. Shift 2 will be held from 2:30PM to 5:00 PM. The precise day and time of the examination will be printed on the candidate's admission card.

CTET 2022 Results

After passing the CTET 2022 Exam, the results are likely to be announced in February 2023. According to the board's announcement, the CTET 2022 test 

बोर्ड ने इसके अलावा, परीक्षा की तारीख और शहर के आवंटन के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर लिंक एक्टिव कर दिया है। अब ऐसे में, जो भी अभ्यर्थी इसकी जांच करना चाहते हैं, वे ऑफिशियल पोर्टल से पर लॉगइन करके चेक कर सकते हैं। सीटीईटी परीक्षा का आयोजन निर्धारित शेड्यूल के अनुसार दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 माह के दौरान होना है।

Thursday, 17 November 2022

वैद्युत आवेश के मूल गुण – Vidyut Aavesh Ke Mool Gun

 

वैद्युत आवेश के मूल गुण – Vidyut Aavesh Ke Mool Gun

विद्युत आवेश के मुख्यतः तीन मूल गुण होते हैं |

  1. आवेश का बीजीय योग
  2. वैद्युत आवेश का क्वांटमीकरण
  3. आवेश का संरक्षण
  4. किसी भी निकाय में कुल आवेश उसमें उपस्थित सभी आवेशो के बीजीय योग के बराबर होता है।

    उदाहरण:

    किसी निकाय में किसी यादृच्छिक मात्रक में मापे गए पाँच आवेश +1, +2, -3, +4 तथा –5 हैं, तब उसी मात्रक में निकाय का कुल आवेश = (+1) + (+2) + (-3) + (+4) + (-5) = -1 है।

    वैद्युत आवेश का क्वांटमीकरण:

    विद्युत आवेश को अनिश्चित रूप से विभाजित नहीं किया जा सकता। विद्युत आवेश के इस इस गुण को ही विद्युत आवेश का क्वाण्टीकरण कहते हैं।

    आवेश का संरक्षण:

    आवेश को ना तो उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही नष्ट किया जा सकता है। यह विभिन्न तरीकों से विभिन्न समूहों में परिलक्षित हो सकता है।

    जब वस्तुएँ रगड़ने पर आवेशित होती हैं तो एक वस्तु से दूसरी वस्तु में इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है, कोई नया आवेश उत्पन्न नहीं होता है, और न ही आवेश नष्ट होता है। वैद्युत आवेशयुक्त कणों को दृष्टि में लाएँ तो हमें आवेश के संरक्षण की धारणा समझ में आएगी।

    जब हम दो वस्तुओं को परस्पर रगड़ते हैं तो एक वस्तु जितना आवेश प्राप्त करती है, दूसरी वस्तु उतना आवेश खोती है। बहुत सी आवेशित वस्तुओं के किसी वियुक्त निकाय के भीतर, वस्तुओं में अन्योन्य क्रिया के कारण, आवेश पुनः वितरित हो सकते हैं, परंतु यह पाया गया है कि वियुक्त निकाय का कुल आवेश सदैव संरक्षित रहता है। आवेश-संरक्षण को प्रायोगिक रूप से स्थापित किया जा चुका है



Wednesday, 16 November 2022

प्रकाश-परावर्तन एवं अपवर्तन गोलीय लेंसों द्वारा अपवर्तन

 

प्रकाश-परावर्तन एवं अपवर्तन गोलीय लेंसों द्वारा अपवर्तन

लेंस (Lens) : दो पृष्ठों से घिरा हुआ कोई पारदर्शी माध्यम जिसका एक या दोनों पृष्ठ गोलीय है, लेंस कहलाता है |

उत्तल लेंस (Convex Lens) : वह लेंस जिसके दोनों बाहरी गोलीय पृष्ठों का उभार बाहर की ओर हो उसे उत्तल लेंस कहते हैं | इस लेंस को अभिसारी लेंस भी कहते हैं क्योंकि यह अपने से गुजरने वाले प्रकाश किरणों को अभिसरित कर देता है |

                    उत्तल लेंस (Convex Lens) 

अवतल लेंस (Concave Lens) : वह लेंस जिसके दोनों बाहरी गोलीय पृष्ठ अंदर की ओर वक्रित हो उसे अवतल लेंस कहते हैं | इस लेंस को अपसारी लेंस भी कहते हैं क्योंकि यह अपने से गुजरने वाले प्रकाश किरणों को अपसरित कर देता है |

अवतल लेंस (Concave Lens) 

वक्रता केंद्र (Centre of curvature) : सभी गोलीय लेंस के प्रत्येक पृष्ठ एक गोले के भाग होते हैं | इन गोलों के केंद्र को लेंस का वक्रता केंद्र कहते है | इसे C1 तथा C2 से दर्शाते हैं |

मुख्य अक्ष (Principle Axis) : मुख्य अक्ष किसी लेंस के दोनों वक्रता केन्द्रों से गुजरने वाली एक काल्पनिक सीधी रेखा लेंस की मुख्य अक्ष कहलाती है।

प्रकाशिक केंद्र (Optic Centre) : लेंस का केन्द्रीय बिंदु इसका प्रकाशिक केंद्र कहलाता है। इसे प्रायः अक्षर O से निरूपित करते हैं।

लेंस के प्रकाशिक केंद्र से गुजरने वाली प्रकाश किरण बिना किसी विचलन के निर्गत होती है।

द्वारक (Aperture) : गोलीय लेंस की वृत्ताकार रूपरेखा का प्रभावी व्यास इसका द्वारक (aperture) कहलाता है।

पतले लेंस : ऐसे लेंस जिनका द्वारक इनकी वक्रता त्रिज्या से बहुत छोटा है। ऐसे लेंस छोटे द्वारक के पतले लेंस कहलाते हैं।

उत्तल लेंस का मुख्य फोकस (Principle Focus) : उत्तल के पर मुख्य अक्ष के समांतर प्रकाश की बहुत सी किरणें आपतित हैं। ये किरणें लेंस से अपवर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष पर एक बिंदु पर अभिसरित हो जाती हैं। मुख्य अक्ष पर यह बिंदु लेंस का मुख्य फोकस (Principle Focus) कहलाता है।

अवतल लेंस का मुख्य फोकस (Principle Focus) : अवतल लेंस पर मुख्य अक्ष के समांतर प्रकाश की अनेक किरणें आपतित होती हैं। ये किरणें लेंस से अपवर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष के एक बिंदु से अपसरित होती प्रतीत होती हैं। मुख्य अक्ष पर यह बिंदु अवतल लेंस का मुख्य फोकस कहलाता है।

लेंस का फोकस दुरी (Focal Distance) : किसी लेंस के मुख्य फोकस की प्रकाशिक केन्द्र से दूरी फोकस दूरी कहलाती है।

गोलीय लेंसों के लिए चिन्ह-परिपाटी : 

(i) गोलीय लेंसों में सभी दूरियाँ प्रकाशिक केन्द्रों (optic centre) से मापी जाती है | 

(ii) उत्तल लेंस की फोकस दुरी धनात्मक (+) होती हैं | 

(iii) अवतल लेंस की फोकस दुरी ऋणात्मक (-) होती हैं | 

(iv) जिस ओर से प्रकाश लेंस में प्रवेश करता है उस भाग को ऋणात्मक माना जाता है | चाहे वो उत्तल लेंस हो या अवतल लेंस हो | अर्थात जिधर हम बिंब (object) को रखते है वो भाग ऋणात्मक होता है | 

(v) लेंस में सभी वास्तविक एवं उल्टा प्रतिबिंब को धनात्मक लेते हैं | और आभासी एवं सीधा प्रतिबिंब को ऋणात्मक लेते है | 

(vi) वास्तविक एवं उल्टा प्रतिबिंब लेंस के धनात्मक भाग में बनते हैं और आभासी एवं सीधा प्रतिबिंब लेंस के ऋणात्मक भाग में बनते है |

(vii) बिंब की ऊंचाई (h) सीधा होता है इसलिए इसे धनात्मक (+) लेते हैं | प्रतिबिंब सीधा है तो आभासी और सीधा यदि प्रतिबिंब (h')  उल्टा हो तो वास्तविक और उल्टा इसे ऋणात्मक (-) लेते है | 

लेंस में आवर्धन (Magnification in Lens) : 

Ankul sharma

CTET Admit Card 2023

  CTET Admit Card 2023 :  बोर्ड करीब एक सप्ताह पहले परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र रिलीज कर देगा। अब ऐसे में उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि व...